Nav Durga aarti lyrics in Hindi and English font. This Nav Durga aarti song is sung by Lakhbir Singh Lakkha.
Aarti title: Nav Durga Teri Aarti Lyrics in Hindi
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Aman Sharma
Album: Maa Tujhko Naman
Music label: T-Series
Nav Durga Teri Aarti Lyrics in Hindi
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
नव रातो मे नौ रूपों की पूजा करते भारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
जोभी पूजे नौ दिन दुर्गे माता कस्ट निवारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
प्रथम रूप में शैलपुत्री हिम परबत की बेटी ।
कलक्ष्य खेतरी करे अस्थातीक माँ दुखड़े हर लेती ।।
निश्चय करके व्रत जो रखते उनको मया तारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
ब्रह्मचारिणी रूप दूसरा माँतप करने वाली ।
ज्योतिर्मय है भव्य रूप माँ हस्त कमंडल धारी ।
दुतिय धावे माँ जो तुमको उनके काज सवारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
चंद्रघंटा माँ तीशरी शक्ति रूप है मगलकारी ।
मस्तक चंदा शस्त्र हाथ में करती शेर सवारी ।
युद्ध को आतुर निर्भे देवी दुष्टों को संघारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
कुष्मांडा माँ चोथी मया जगको रचने वाली ।
अंधकार में मां की हसी सृष्टि रौशन करडाली ।
सारे जहां की रिधिया सिंधिया भक्त की जोली डालती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
मन्चम रूप स्कंदमाता चार भुजा ओ वाली ।
वाहन जिसका सिंगगोध भगवान खिलाने वाली ।
मां की पूजा करता जो है पुत्र की तरह दुलारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
कात्यायिनी माँ छठा रूप है ब्रजमंडल की देवी ।
रूप ना जिसका वर्णना जाए अभयदान है देती ।
चारों फल पूजा के मिलते तेज की होती प्राप्ति ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
सप्तम काली कालरात्री गले चमकती माला ।
हाथ में माँ के खंडा चमके स्वासो में है ज्वाला ।
दुष्टगलन है करती माता भगतो को उभारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
अष्टम शक्ति चंद्र समाना गौर वरन महा गोरी ।
श्वेत वस्त्र है श्वेत आभूषण बैल की करे सवारी ।
पाप ताप संताप मिटाती नया पार उतारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
९ वा रूप एक तेज पुंज है नारी रूप भनआया ।
सभी शक्तियां मिलकर भगवती दुर्गा रूप बनाया ।
शेर सवारी सारी खुशिया भगतो पे है वारती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
अमन करे नित माँ की पूजा प्रेम से जोत जगाये ।
जभी कोई संकट दिखता माँ ही पार लगाए ।
लक्खा को बिन मागे मिलता गा कर माँ की आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।
आरती मां आरती नव दुर्गा तेरी आरती ।।